लाशों को पानी में डाल दिया…’ महाकुंभ पर ये क्या बोल गईं जया बच्चन, भगदड़ में मौतों पर उठाए सवाल

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कुंभ में करोड़ों लोगों के स्नान पर सपा सांसद ने कहा कि वे झूठ बोल रहे हैं कि करोड़ों लोग उस जगह पर आए हैं, किसी भी समय इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे वहां इकट्ठा हो सकते हैं।

महाकुंभ भगदड़ मामले में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कुंभ में पानी सबसे ज्यादा प्रदूषित है. भगदड़ में मरने वाले लोगों के शव नदी में फेंके गए हैं, इससे पानी दूषित हो गया है. यही पानी वहां लोगों तक पहुंच रहा है, इस पर कोई सफाई नहीं दे रहा है. देश के असली मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

उन्‍होंने कहा, कुंभ में आने वाले आम लोगों को कोई खास सुविधा नहीं मिल रही है, उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है. वीवीआईपी आते हैं, तो उनको हर सुविधा दी जाती है. लेकिन, आम आदमी की सुविधा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।

कुंभ में करोड़ों लोगों के स्नान पर सपा सांसद ने कहा कि वे झूठ बोल रहे हैं कि करोड़ों लोग उस जगह पर आए हैं, किसी भी समय इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे वहां इकट्ठा हो सकते हैं. मैं मीडिया से आग्रह करूंगी कि वह आम आदमी की आखिरी उम्मीद है. महाकुंभ में क्या हुआ. इसकी तस्वीर को दुनिया के सामने लाए. कुंभ में हजारों लोग चले गए. सरकार को सच्‍चाई जनता बतानी होगी।

महाकुंभ भगदड़ मामले में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि आज हमारी एक ही मांग थी कि कुंभ में लोगों की मौत के लिए सरकार जवाद दे. इसलिए हमने महाकुंभ पर विशेष चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार ने हमारी मांगों पर बुलडोजर चला दिया. लोगों की न्याय की जो गुहार पर सरकार ने बुलडोजर चलाने का काम किया है।

सरकार कुंभ में लोगों की मौतों का सही आंकड़ा नहीं दे रही है. देश की जनता से आंकड़ा छिपाया जा रहा है. कुंभ का विषय बेहद महत्वपूर्ण है. इसे लेकर पूरी जांच होनी चाहिए. हम सदन में नोटिस देते हैं, लेकिन उसे ठुकरा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि हम महाकुंभ वाले मामले को आगे भी उठाते रहेंगे।

राजनीतिक और धार्मिक संगठनों का तीखा विरोध
जया बच्चन के इस बयान पर बीजेपी नेताओं, धार्मिक संगठनों और सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी ने इसे हिन्दू आस्था और कुंभ मेले का अपमान करार दिया है. वहीं कई धार्मिक नेताओं और संगठनों ने जया बच्चन से माफी की मांग की है और उनके बयान को ‘गुमराह करने वाला और असंवेदनशील’ बताया है.

इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ में हुई मौतों पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि सरकार महाकुंभ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के आंकड़े दे. अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए मांग की थी कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम का प्रबंधन तुरंत सेना को सौंप दिया जाना चाहिए।

वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने इन तमाम दावों को खारिज करते हुए कहा है कि कुंभ में स्वच्छता और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और नदी में शवों के मिलने की कोई घटना सामने नहीं आई है।