एक अनाउंसमेंट ने छीन ली 18 लोगों की जिंदगी: रेलवे प्रशासन की बड़ी लापरवाही…,नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से अब तक 18 यात्रियों की मौत,जानें क्यों मची भगदड़, कैसे बेकाबू हुई भीड़?

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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में अब तक 18 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. पीड़ित परिवारों को 10 लाख का मुआवजा देने का ऐलान हुआ है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की घटना के प्रभावित लोगों को मुआवजे का ऐलान हो चुका है. सरकार मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देगी. इसके साथ ही गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख का मुआवजा और मामूली रूप से घायल लोगों को एक लाख का मुआवजा देने का ऐलान भी हुआ है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 9.30 बजे भगदड़ मची. इसमें अब तक 18 लोगों के जान गंवाने की पुष्टि हो चुकी है. इस संख्या में और इजाफा भी हो सकता है. मरने वालों में 14 महिलाएं और 3 बच्चे हैं. 25 से ज्यादा लोग घायल हैं.

कैसे बने भगदड़ के हालात?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, महाकुंभ के लिए जाने वाली दो ट्रेनें लेट हो गई थी, इस कारण स्टेशन पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए थे. ये लोग अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच अचानक प्लेटफॉर्म चेंज का अनाउंसमेंट होने के कारण लोग एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म की तरफ भागने लगे, जिसकी वजह से भगदड़ के हालात बने. हालांकि कई प्रत्यक्षदर्शियों का यह भी कहना है कि ट्रेन के प्लेटफॉर्म में बदलाव का कोई अनाउंसमेंट नहीं हुआ, लोगों को लगा कि उनकी ट्रेन दूसरे प्लेटफॉर्म पर है, इसलिए अफरा-तफरी मची। शनिवार-रविवार की छुट्टी के चलते महाकुंभ में जाने के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने से स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। भीड़ को काबू करने के लिए पर्याप्त अमला न होने से हालात बेकाबू हाे गए। भीड़ एक-दूसरे पर चढ़ने लगी।

प्रत्यक्षदर्शियों ने यह भी बताया कि प्लेटफॉर्म से ज्यादा भीड़ पुल पर थी और वहीं पर भगदड़ मची. घटना स्थल पर मौजूद लोगों का यह भी कहना है कि आज तक नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ नहीं देखी गई। रेलवे ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। एनडीआरएफ की टीम भी राहत के लिए स्टेशन पहुंच गई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि पूरी टीम प्रभावितों की मदद में जुटी है।

प्रयागराज जा रहे एक श्रद्धालु ने बताया कि प्लेटफॉर्म नंबर-12 पर शिवगंगा एक्सप्रेस जा रही थी। गाड़ी के जाते ही सारी भीड़ प्लेटफॉर्म 14-15 पर आ गई।

प्रयागराज की ज्यादातर ट्रेनें यहीं से जा रही हैं। प्लेटफॉर्म भीड़ संभाल नहीं पाया और भगदड़ मच गई। भीड़ एस्क्लेटर और स्टेशन के दरवाजों की ओर भागी। इससे ओवरब्रिज व सीढ़ियों पर भीड़ बढ़ गई। वहीं, रेलवे प्रशासन का कहना है कि प्लेटफॉर्म नंबर-14 पर प्रयागराज एक्सप्रेस खड़ी थी। वहां भारी भीड़ जुटी थी। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस भी देरी से चल रही थी। उसके यात्री प्लेटफॉर्म नंबर 12-13 और 14 पर मौजूद थे। लोगों की भीड़ अधिक थी।

मौतों के बाद भी अफसर घर से नहीं निकले, बताते रहे अफवाह

स्टेशन पर हालात बेकाबू होने से भगदड़ और दबकर मौतों के बाद भी रेल अफसर घर से नहीं निकले, बल्कि हादसे को अफवाह बताते रहे। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने भगदड़ से इन्कार किया। उन्होंने कहा, कोई भगदड़ नहीं हुई, यह अफवाह है। भारी भीड़ के कारण यात्रियों ने एक-दूसरे को धक्का दे दिया, जिससे कुछ यात्रियों को चोटें आईं। हालांकि, कुछ देर बाद ही दिल्ली उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मौतों की पुष्टि की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। हालांकि, बाद में सक्सेना ने ट्वीट बदल दिया।

शोक संवेदना के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर पीएम मोदी तक इस हादसे पर शोक जता चुके हैं. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस मामले में केंद्र सरकार को भी घेरा है. उन्होंने रेलवे की बदइंतजामी पर भी सवाल खड़े किए हैं. कई विपक्षी नेताओं ने इस हादसे के लिए मोदी सरकार पर निशाना साधा है।