कांग्रेस में मेरा क्या काम: नाराज शशि थरूर ने राहुल गांधी से मांगा जवाब,पार्टी में नहीं मिल रहा उचित सम्मान,छोड़ सकते है कांग्रेस,आइए जानते है पूरा मामला

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कांग्रेस और पार्टी के सांसद शशि थरूर के बीच गर्मागर्मी और बढ़ती जा रही है. यहां तक की थरूर पार्टी लाइन से भी निकलने का मन बना रहे हैं।

कांग्रेस और पार्टी के सांसद शशि थरूर के बीच आपसी मतभेद इतने बढ़ गए हैं कि दोनों ही एक दूसरे के प्रति कटाक्ष करने लगे हैं. कांग्रेस अपनी ही पार्टी के सांसद शशि थरूर के प्रति बिल्कुल भी नरम स्वभाव नहीं दिखा रहा है. थरूर के साथ हुई बातचीत के वाबजूद भी राहुल गांधी ने गिले-शिकवे या सुझावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. खबर है कि कांग्रेस अब थरूर के प्रति नरम रुख अपनाने के लिए तैयार नहीं हैं।

पार्टी में जगह करें स्पष्ट
दूसरी तरफ शशि थरूर ने भी अपनी पार्टी कांग्रेस से कहा है कि पार्टी उनकी जगह स्पष्ट करें. दरअसल कांग्रेस शशि थरूर से नाराज चल रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि थरूर ने पार्टी की नीतियों से हटकर कुछ मामलों पर अपनी राय दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से उनकी मुलाकात की उन्होंने सराहना की थी. खबर ये भी है कि अब थरूर पूरी तरह से पार्टी से हटने का मन बना चुके हैं।

पार्टी में नहीं मिल रहा उचित सम्मान
थरूर को लगता है कि उनको पार्टी में उचित सम्मान नहीं मिलता है. उन्हें “ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस” के प्रभारी पद से हटा दिया गया, जो उन्होंने खुद गठित किया था. उन्होंने ये भी कहा उन्हें प्रमुख बहसों में अवसर नहीं दिया जाता है. ऐसा करके पार्टी उन्हें अपेक्षित करना चाहती हैं. नाराज शशि थरूर ने राहुल गांधी से पूछा है कि उनका कांग्रेस में क्या काम है? वहीं थरूर ने कांग्रेस के युवा विंग की जिम्मेदारी लेने के संकेत दिए थे, लेकिन राहुल इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे।

दिल्ली में कुछ दिन पहले हुई मुलाकात के दौरान थरूर ने पार्टी में खुद को नजरअंदाज किए जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने इस पर कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं जताई, जिससे थरूर और भी असंतुष्ट हो गए। कांग्रेस थरूर से नाराज है क्योंकि उन्होंने पार्टी की नीति से हटकर कई मामलों पर अपनी राय दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से उनकी मुलाकात की उन्होंने सराहना की थी। इसके अलावा, केरल में एलडीएफ सरकार के द्वारा कि गए औद्योगिक विकास की सराहना करने वाले उनके लेख ने पार्टी में असंतोष पैदा कर दिया था। यह जानकारी भी सामने आई है कि थरूर पार्टी लाइन हटने का मन बना चुके हैं, क्योंकि उनका मानना है कि उन्हें उचित सम्मान नहीं मिल रहा है। राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान थरूर ने इस बात पर भी असंतोष व्यक्त किया कि उन्हें “ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस” के प्रभारी पद से हटा दिया गया, जो उन्होंने खुद गठित किया था।

शशि थरूर ने इस बात को लेकर भी विरोध जताया कि संसद में प्रमुख बहसों के दौरान उन्हें उपेक्षित किया जा रहा है, उन्हें अवसर नहीं दिए जा रहे हैं। थरूर ने राहुल गांधी से कहा कि वह संसद में पार्टी के नेतृत्व को संभालने में सक्षम हैं, लेकिन चुप रहे क्योंकि राहुल गांधी को संसद पार्टी नेता नियुक्त किया गया था।शशि थरूर ने राहुल गांधी से यह सवाल भी किया कि क्या पार्टी चाहती है कि वह राज्य राजनीति पर ध्यान केंद्रित करें, लेकिन राहुल ने इस पर कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। थरूर ने यह जानना चाहा कि अगर कांग्रेस का ऐसा इरादा है, तो उनकी भूमिका क्या होगी। इस पर राहुल ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस का परंपरा नहीं है कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चयन किया जाए।