
छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा की जमानत याचिका खारिज कर दी है। वहीं, रायपुर सेंट्रल जेल में बंद अन्य आरोपी अरुणपति त्रिपाठी, दिलीप पांडे समेत अन्य को जमानत दे दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला
Chhattisgarh Liquor Scam: आज सुबह सुप्रीम कोर्ट में EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) द्वारा दर्ज मामले में सुनवाई हुई। जस्टिस अभय ओखा की कोर्ट ने अरुणपति त्रिपाठी और अन्य आरोपियों को 10 अप्रैल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। हालांकि, अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा को जमानत नहीं मिली।

जमानत न मिलने के कारण
Chhattisgarh Liquor Scam: अनवर ढेबर पर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट और अन्य गंभीर आरोप लगे हुए हैं जिसके कारण उनकी जमानत अटक गई। वहीं अनिल टुटेजा अन्य मामलों में भी संलिप्त पाए गए हैं इस कारण उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई। जमानत नहीं मिलने से एकबार फिर शराब घोटाले के सिंडिकेट की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आरोपियों को एक के बाद एक बड़ा झटका लग रहा हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश
Chhattisgarh Liquor Scam: सुप्रीत कोर्ट ने आरोपियों को सशर्त जामनत दिया हैं। कोर्ट ने आदेश दिया हैं की सभी आरोपियों को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा। किसी भी आरोपी को विदेश यात्रा की अनुमति नहीं मिलेगी। 10 अप्रैल को एपी त्रिपाठी और अन्य आरोपियों को रिहा किया जाएगा। यह घोटाला छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े भ्रष्टाचार मामलों में से एक है, जिसमें सरकारी अधिकारियों और शराब कारोबारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है।

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का मुख्य आरोपी कौन है?”
मुख्य आरोपी अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा हैं, जिनकी जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।
“किन आरोपियों को जमानत मिली है?”
अरुणपति त्रिपाठी, दिलीप पांडे समेत अन्य आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है।
“अनवर ढेबर की जमानत क्यों नहीं मिली?”
उन पर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट और अन्य गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके चलते उनकी जमानत अटक गई।
“क्या अनिल टुटेजा को जमानत मिल गई?”
नहीं, अन्य मामलों में संलिप्त होने के कारण उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
क्या शराब घोटाले के आरोपी विदेश जा सकते हैं?”
नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया है, जिससे वे विदेश नहीं जा सकेंगे।