बिहार के रेड लाइट एरिया से बरामद हुईं छत्तीसगढ़ की बेटियां, 41 लड़कियों से कराया जा रहा था देह व्यापार,बरामद 41 किशोरियों में तीन दुर्ग की

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3 दिन पहले बिहार के रोहतास जिले में स्थित रेड लाइट एरिया में छापेमारी के दौरान छत्तीसगढ़ की 41 नाबालिग लड़कियां देह व्यापार के धंधे में लिप्त मिलीं। पुलिस ने सभी लड़कियों अपने कब्जे में लेकर वहां एक NGO में रखवाया है। इन सभी लड़कियों को लेने के लिए छत्तीसगढ़ के अलग-अलग थानों से पुलिस की टीम गई है। पुलिस की रेड में मिली 41 नाबालिग लड़कियों में तीन लड़कियां दुर्ग जिले की भी हैं। इनके साथ एक नाबालिग लड़का भी है। जैसे ही इसकी जानकारी दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला को हुई उन्होंने एक टीम बिहार भेजने निर्देश दिया।

दुर्ग पुलिस की टीम रोहतास जाकर बच्चियों से मिल चुकी है। पूछताछ में बच्चियों ने बताया कि उनके साथ कोई देह व्यापार नहीं कराया जा रहा था। वो लोग नाचने गाने का काम करते हैं। पैसा कमाने के लालच में उनके माता पिता ने खुद अपनी मर्जी से बिहार नाचने के लिए भेजा था। लड़कियों ने देहव्यापार करने या कराने से साफ मना किया है।

दुर्ग पुलिस की टीम अभी शासापुर पहुंची हैं। कल टीम रोहतास पहुंचेगी। वहां वो लोग रोहतास पुलिस औ महिला बालविकास विभाग की टीम की मदद से तीनों बच्चियों को अपनी सुपुर्दगी में लेकर दुर्ग लाएगी। ऐसा कहा जा रहा है कि टीम बच्चियों को लेकर 13 मार्च की रात तक पहुंच जाएगी।

9 मार्च को रोहतास जिले के नटवार थाना पुलिस ने नटवार बाजार में 2 डांसर ग्रुपों के ठिकाने पर छापेमारी की थी। दोनों ठिकानों से छत्तीसगढ़ से आई 41 नाबालिग लड़कियों को बरामद किया गया। इनके साथ चार लड़कों को भी बरामद किया गया। पुलिस ने इस कार्रवाई में पांच लोगों को हिरासत में लेकर मामला दर्ज किया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक रोहतास जिले की बाल कल्याण समिति ने सभी लड़कियों को बरामद किया। समिति ने बताया कि ज्यादातर लड़कियां गरीब परिवारों से हैं। इन लड़कियों के माता-पिता ने 30 से 50 हजार रुपए में अपनी बेटी का सौदा कर दिया था।

पहले इन्हें ऑर्केस्ट्रा में डांस करने के लिए लाया गया, फिर जबरन गलत काम करवाया जाने लगा। इससे होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा लड़कियों के माता-पिता को भी भेजा जाता था। बिहार के रेड लाइट इलाके से रेस्क्यू की गई लड़कियां छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, रायपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर, दुर्ग समेत अन्य जिलों की हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस की कई टीमें रोहतास भेजी गई हैं। इसमें दुर्ग की टीम भी शामिल है। वहां से सभी लड़कियों को लाकर उनके माता पिता को उन्हें सौंपा जाएगा।

घूमंतु समुदाय से जुड़ी हैं युवतियां
पुलिस के अनुसार, रेस्क्यू की गई युवतियां घूमंतु देवार जाति से हैं। इनके परिवार का जीवन स्तर निम्न है और वे कबाड़ का काम करने के साथ ही कचरा बीनने का काम करते हैं। पुलिस अब इस मामले में गहराई से जांच कर रही है कि इन लड़कियों को किसी मानव तस्करी करने वाले गिरोह ने अपने जाल में फंसाकर तो नहीं ले गया था।

तस्कर भेजते थे बिहार
पुलिस के अनुसार, छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों में ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की लड़कियों की तलाश करते हैं। फिर उनके परिजन को फंसाते हैं। उन्हें 15-20 हजार रुपये तत्काल दे देते हैं। बच्चियों को ले जाकर बिहार सहित अन्य राज्यों में बेच देते हैं।

तस्करी में कौन, उसकी तलाश में जुटी पुलिस
अब पुलिस इस संबंध में और जानकारी जुटाने के प्रयास में है और लड़कियों से पूछताछ की जाएगी। पुलिस को उम्मीद है कि इससे इस मानव तस्करी के रैकेट का पर्दाफाश हो सकेगा। पुलिस तस्करों की तलाश में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि जल्द ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

सबसे ज्यादा राजनांदगांव की हैं लड़कियां
बिहार पुलिस ने जिन लड़कियों का रेस्क्यू किया है। उसमें सबसे ज्यादा राजनांदगांव की 10 लड़कियां हैं। रायपुर, मुंगेली, बलौदाबाजार की चार-चार लड़कियां हैं। दुर्ग, बेमेतरा, जांजगीर-चांपा की तीन-तीन हैं। बिलासपुर की दो और कोरबा व बालोद की एक-एक लड़कियां हैं। इसके अलावा कुछ और जिलों के नाबालिग मिले हैं, जो पता नहीं बता पा रहे हैं।