संजय तिवारी बने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति

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राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री रमेन डेका ने डॉ. संजय तिवारी को हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग का कुलपति नियुक्त किया है। वर्तमान समय में श्री तिवारी, मध्यप्रदेश भोज (ओपन) विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति है। डॉ. तिवारी का कार्यकाल, उपलब्धियां तथा सेवा शर्ते विश्वविद्यालय अधिनियम एवं परिनियम में निहित प्रावधान अनुसार होंगी। उनकी नियुक्ति हेमचंद यादव विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 (क्रमांक 22 सन् 1973) की धारा 13 की उपधारा (1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए की गई है।

देश भर में आज ईद का त्यौहार मनाया जाएगा। रविवार को ईद का चांद दिखने के बाद से ही लोगों में हर्षोल्लास का माहौल था। बता दें कि शव्वाल महीने के पहले दिन ईद-उल-फितर मनाया जाता है। इसे मीठी ईद भी कहते है।

श्रीनगर के ईदगाह में नहीं होगी नमाज
जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. दरक्षां अंद्राबी ने घोषणा की है कि निर्माण कार्य के चलते इस साल श्रीनगर के ऐतिहासिक ईदगाह में ईद की नमाज नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हजरतबल दरगाह और जम्मू-कश्मीर के अन्य दरगाहों, मस्जिदों में सामूहिक नमाज के लिए व्यवस्था की गई है। महाराष्ट्र और बंगाल में ईद पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

भिलाई के से 6,फरीद नगर,ईदगाह,कोहका,केम्प 1,रिसाली सहित सभी मस्जिदों में बहुत बड़ी तादाद में मुस्लिम समाज के लोगों ने ईद नमाज पढ़ी। ईद की नमाज के बाद सभी ने एक दूसरे को गले मिलकर ईद की बधाइयां दी. बच्चे इस मौके पर काफी खुश नजर आए. बड़े, बुजुर्ग सभी अल्लाह ताला का शुक्रिया करते दिखाई दिए. बाजारों में भी छोटे-छोटे बच्चे ईद के मौके पर एक दूसरे को गले लगाते दिखे.ईद के मौके पर बड़े-बुजुर्गों ने बच्चों को ईद मुबारकबाद दी और उन्हें गले लगाकर उनसे स्नेह जताया.छत्तीसगढ़ में छोटे-छोटे बच्चे बहुत ही खूबसूरत लिबास में नजर आ रहे हैं और एक दूसरे को गले मिलकर ईद मुबारक कह रहे हैं।

रमजान के आखिरी दिन टूटता है उपवास :

ईद-उल-फितर, रमजान के अंत में महीने भर के उपवास को तोड़ने के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है. इसलिए इस दिन खानपान भी खास होता है. ईद के त्यौहार के समय ‘सेवइयां’ (सेंवई) त्योहार का पर्याय बन गई हैं. इस मौके पर कई घरों में सेवईयां बड़े खास तरीके से बनाई जाती है.वहीं कई जगहों पर बिरयानी बनाकर दावत देने का भी रिवाज है. देश समेत छत्तीसगढ़ के बड़े नेताओं ने दी ईद की मुबारकबाद दी है।

ईद उल फितर का महत्व
इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी. मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ. मान्यता है कि पैगंबर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी. इस जीत की खुशी में उन्होंने सबका मुंह मीठा करवाया गया था. इसी दिन को मीठी ईदी या ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है।