नक्सल इलाके में भ्रष्टाचार का खेल: आंगनबाड़ी मरम्मत के नाम पर लाखों की लूट,सप्लायर-पंचायत सचिव ने किया घोटाला,जानिए क्या है पूरा मामला

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धुर नक्सल प्रभावित नेशनल पार्क इलाके में नक्सल दहशत की वजह से जिम्मेदार अधिकारी कभी जांच के लिए नहीं जाते। इसी बात का फायदा उठाकर पंचायत सचिवों ने सप्लायरों से गठजोड़ कर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया।

नक्सल दहशत की आड़ में ब्लॉक के गांवों में 15वें वित्त की राशि में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया। जनपद के अधिकारियों और पंचायत सचिवों ने सप्लायर फर्म के साथ गठजोड़ कर लाखों रुपये के वारे-न्यारे कर लिए। धुर नक्सल प्रभावित नेशनल पार्क का इलाका अब भ्रष्टाचार का गढ़ बनता जा रहा है। ताजा मामला आंगनबाड़ी के रिपेयरिंग के नाम पर निकाली गई राशि का है।

दरअसल, गांवों में आंगनबाड़ी है ही नहीं और लाखों रुपये उसकी मरम्मत के नाम पर निकाल लिए गए। भोपालपटनम ब्लॉक के अंदुरुनी एड़ापल्ली, बड़ेकाकलेड, सेंड्रा, केरपे पंचायतों में यह कारनामा किया गया है। केंद्र सरकार ने इन पंचायतों में विकास के लिए जो राशि भेजी, उसमें सेंध लगाई गई है। पंचायत सचिव ने एक सप्लायर फर्म के साथ सांठगांठ करके 15वें वित्त से इन पंचायतो में 50-50 हजार की राशि भवन मरम्मत के नाम राशि निकाली है।

जेल से छूटे सचिव को दो पंचायतों का प्रभार
एड़ापल्ली और बड़ेकालेड़ के पंचायत सचिव गोटा समैया भ्रष्टाचार के मामले में पहले जेल जा चुके हैं। इसके बावजूद जब वे बहाल होकर लौटे तो उन्हें दो-दो पंचायत का प्रभार देकर दिया गया है। नेशनल पार्क एरिया में इन्होंने अब तक लाखों का भ्रष्टाचार किया है। वन जीव संरक्षण योजना में गड़बड़ी के मामले में जेल की हवा खा चुके हैं।

एक ही वेंडर के नाम से निकाले
नेशनल पार्क की पंचायतों में बिना प्रयोजन, बिना जीओ टैग के फर्जी बिल और अमान्य फोटो लगाकर लाखों रुपये का भुगतान अपने चहेते सप्लायर के नाम पर नियम खिलाफ किया गया है। हैरानी की बात यह है कि अधिकारी भी फर्जी, बिल अमान्य फोटो वाले बिलों की जांच करे बिना ही लाखों रुपये का बिल पास कर भुगतान करते रहे। मामले में एक चौंकाने वाली जानकारी यह भी सामने आई है कि एक ही वेंडर के नाम पर लाखों रुपये जारी किए गए हैं। मरम्मत का काम एक ही व्यक्ति को देकर बंदरबांट किया गया है।

इन पंचायतों में फर्जी तरीके से निकाली गई रकम
नेशनल पार्क क्षेत्र के बड़ेकाकलेड के सप्पीमरका आंगनबाड़ी केंद्र, फूलगुंडम आंगनबाड़ी केंद्र, छोटेकाकलेड़, कनलापर्ती, पीलूर में मरम्मत के नाम पर राशि निकाली गई। इसके अलावा और भी कई पंचायतें हैं, जहां इसी तरह से बंदरबांट किया गया है। जिम्मेदारों से बात की तो उन्होंने कहा कि पंचायतों में आंगनबाड़ी संचालित तो है, लेकिन भवन वहां नहीं है। आंगनबाड़ी के बच्चों को सहायिका अपने घरों में बैठाकर संचालन कर रही हैं। चार पंचायतो में कुल 39 आंगनबाड़ी संचालित हैं, लेकिन एक का भी भवन नहीं हैं।

प्रभावित इलाके में अफसर जाते नहीं इसी का फायदा उठाया
धुर नक्सल प्रभावित नेशनल पार्क इलाके में नक्सल दहशत की वजह से जिम्मेदार अधिकारी कभी जांच के लिए नहीं जाते। इसी बात का फायदा उठाकर पंचायत सचिवों ने सप्लायरों से गठजोड़ कर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया। सही तरह से इन पंचायतो में खर्च की गई राशि की जांच हो तो कई घोटाले सामने आएंगे। नेशनल पार्क ऐसा इलाका हैं, जहां विकास नजर नहीं आता सिर्फ कागजों पर काम करके भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

भुगतान गलत तो कार्रवाई होगी
इस मामले में जनपद पंचायत भोपालपटनम के सीईओ दिलीप उईके का कहना है कि 15वें वित्त की राशि का भुगतान पूरी तरह से डिजिटल और ऑनलाइन होता है। अगर कहीं पर सचिव ने गलत तरीके से भुगतान किया होगा तो जांच कर करवाई की जाएगी। दोषी जो भी होगा उस पर कार्रवाई जरूर होगी।