नए साल के मौके पर माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ मचने से 12 लोगों की मौत होने की खबर है।jammu-kashmir के रियासी जिले की पुलिस ने बताया कि फिलहाल राहत एवं बचाव कार्य जारी है और स्थिति नियंत्रण में है।
सोशल मीडिया पर भगदड़ के कुछ वीडियो जारी हुए हैं। इनमें दावा किया जा रहा है कि नए साल के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान भगदड़ मच गई। इसके चलते बहुत से श्रद्धालु बिना दर्शन किए ही वापस लौट रहे हैं। मृतक लोगों में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब से आए श्रद्धालु शामिल हैं।
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. गोपाल दत्त ने बताया, ‘माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ से 12 लोगों की मौत हो गई है। अब तक सही आंकड़ा सामने नहीं आया है। मृतकों का पोस्टमार्टम किया जाना है। इसके अलावा घायलों को नारायणा अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया गया है।’ अब तक 14 घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि यह हादसा तड़के 2:45 बजे हुआ। उन्होंने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट्स में हमें यह पता चला है कि कुछ लोगों के बीच बहस हुई थी और धक्का-मुक्की की स्थिति पैदा हो गई। इसके बाद लोग भागने लगे, जिसके चलते यह हादसा हुआ।
वैष्णो देवी मंदिर परिसर के ड्यूटी ऑफिसर जगदेव सिंह ने बताया कि मृतकों में एक शख्स जम्मू-कश्मीर के ही राजौरी का रहने वाला है। इसके अलावा अन्य 11 लोग देश के अलग-अलग राज्यों के हैं। अब तक मृतकों में से 7 लोगों की पहचान कर ली गई है। 5 अन्य लोगों की पहचान का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल अर्धकुंवारी, बाणगंगा से यात्रा को रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि नए साल की पूर्व संध्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे। मंदिर में करीब 70 से 80 हजार श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए पहुंचे थे। एक स्थानीय दुकानदार ने कहा कि श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की संख्या तय नहीं की थी। उन्होंने कहा कि त्रिकुटा हिल्स में ज्यादा श्रद्धालु नहीं ठहर सकते हैं। ऐसे में उन्हें कटरा बेस कैंप में ही रोकना चाहिए था और उनकी लिमिट तय करनी चाहिए थी।