उत्तराखंड के बाद दारमा घाटी में फंसे 80 से ज्यादा पर्यटक

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दारमा घाटी में फंसे 80 से ज्यादा पर्यटक, सरकार से लगाई रेस्क्यू की गुहार
नैनीताल/दार्जिलिंग (khabargali) देश के कई हिस्सों में भारी बारिश ने तबाही मचा रखी है. उत्तराखंड, केरल के बाद प बंगाल और सिक्किम में भी लगातार हो रही बारिश मुसीबत बनने लगी है। नैनीताल पिछले दो दिनों में राज्य में भारी बारिश के बाद नैनीताल के मुख्य बाजार में बुधवार को भी जलभराव की स्थिति बनी रही। हालांकि नैनीताल झील का जलस्तर अब काफी कम हो गया है। सोमवार और मंगलवार को आई आपदा में सबसे ज्यादा नैनीताल जिला प्रभावित हुआ है। कई जगहों पर मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कुछ के हताहत होने की भी खबर है। सड़क बंद होने से कई जगह लोग फंस गए हैं। नैनीताल में बुधवार को मलबे से बरामद हुए चार शव, कुल मृतकों की संख्या 50 हो गई है।

दारमा घाटी में फंसे 80 से ज्यादा पर्यटक
बारिश से रास्ता बंद होने के कारण दारमा घाटी के ग्राम दुग्तु और दान्तु में कोलकाता के करीब 80 यात्री फंस गए हैं। यात्रियों ने सरकार से हेलीकॉप्टर भेजकर रेस्क्यू की गुहार लगाई है। महिला पर्यटक के अनुसार वे वहां घूमने गए थे लेकिन अचानक बारिश के कारण रास्ता बंद हो गया। मौसम की वजह से उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़र ही है। वहीं भारी बारिश और भूस्खलन के कारण नैनीताल में फंसे पर्यटकों ने आरोप लगाया है कि टैक्सी चालक उनसे सामान्य से अधिक किराया वसूल रहे हैं।

एक ही परिवार के चार लोगों के शव बरामद
मंगलवार की देर रात करीब 9 बजे भारी बारिश के के साथ आए मलबे की चपेट में आने से चंपावत के लोहाघाट ब्लॉक के नेपाल सीमा से लगे सुल्ला गांव के एक ही परिवार के चार लोग मलबे में दब गए थे। रेस्क्यू टीम ने चारों के शव बुधवार शाम को बरामद कर लिए हैं। मृतकों की पहचान कैलाश सिंह (32) पुत्र कुंवर सिंह, चंचला देवी (28) पत्नी कैलाश सिंह, रोहित सिंह (12) और भुवन सिंह (8) पुत्र कैलाश सिंह के रूप में हुई है।

कर्णप्रयाग में देर रात भूस्खलन, दो लोग लापता
चमोली जिले की कर्णप्रयाग तहसील के डूंगरी गांव में मंगलवार रात भूस्खलन की घटना के बाद से दो लोग लापता हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान जारी है।

500 पर्यटकों एवं यात्रियों को सुरक्षित निकाला
बुधवार दोपहर बाद कैंची से भवाली तक मार्ग छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। यहां से अभी तक कुल 150 वाहनों में लगभग 500 पर्यटकों एवं यात्रियों को सुरक्षित निकाला लिया गया है।

उत्तरी बंगाल भी प्रभावित
उत्तरी बंगाल में भारी बारिश से बुधवार को आम जनजीवन प्रभावित रहा। जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग के पड़ाही इलाकों पर पिछले 45 घंटे से लगातार हो रही बारिश के चलते कई जगहों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई हैं. सड़क और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कई स्थानों पर वाहनों की आवाजाही रोकनी पड़ी है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। मौसम विभाग ने दार्जिलिंग, कलिमपोंग और अलीपुरदुआर जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी करते हुए बृहस्पतिवार की सुबह तक तीनों जिलों में एक दो स्थानों पर मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग के मुताबिक, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार में भी मूसलाधार बारिश की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि कलिमपोंग जिले में भूस्खलन की वजह से सड़क संपर्क टूट गया है और कलिमपोंग कस्बे से पेडोंग, लावा और अलगारा सहित कई बस्तियों को जोड़ने वाली सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई है और सिलिगुड़ी को सिक्किम की राजधानी गंगटोक से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10, तीस्ता बाजार इलाके में जलमग्न हो गया है जिसकी वजह से यातायात में समस्या आ रही है।

नेपाल में भी तबाही
नेपाल में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ से पिछले 48 घंटे में 48 लोगों की मौत हो गई जबकि 31 लापता हैं। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि राहत और बचाव कार्य के लिए सेना तथा पुलिस को लगाया गया है।