

भिंड जिले के सड़ा गांव में पुलिस ने नकली नोट छापने के कारोबार का खुलासा किया है। चंबल के बीहड़ में बसे इस गांव में आरोपी एक प्रिंटर की मदद से नकली नोट छापते थे और उसे गुजरात तक खपाते थे। आरोपी 30 हजार रुपये लेकर 50 हजार के नकली नोट बेच रहे थे।
चंबल के बीहड़ में बसे हुए एक छोटे से गांव में भारतीय मुद्रा छापने के अवैध कारोबार का खुलासा भिंड पुलिस ने किया है। केवल एक प्रिंटर की मदद से धड़ाधड़ नोट छापे जा रहे थे। मुखबिर से मिली सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन लोगों को दबोच लिया।
खास बात यह है कि आरोपी ₹30000 लेकर ₹500000 के नकली नोट खपा रहे थे। यह पूरा कारोबार भारौली इलाके के सड़ा गांव में चल रहा था। भिंड पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग नकली नोट का कारोबार कर रहे हैं। यह जानकारी भी मिली कि अमायन इलाके के मडैयन तिराहा के पास आरोपी नकली नोट लेकर खड़े हैं। पुलिस की एक टीम ने मुखबिर के बताए स्थान पर पहुंचकर घेराबंदी करके तीन लोगों को पकड़ लिया। पकड़े गए लोगों से पुलिस को 2000 रुपये के दो नकली नोट मिले। इसके अलावा कुछ असली नोट भी मिले।

पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो आरोपियों ने कबूल किया कि वे नकली नोट छापने का काम करते हैं। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर सड़ा गांव से एक प्रिंटर को जब्त कर लिया। इसके साथ ही दस लाख पांच हजार रुपये के नकली नोट भी बरामद किए हैं। ज्यादातर नकली नोट 2000 के हैं जबकि कुछ नोट 200 के भी हैं।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि वे ₹30000 में ₹500000 का नकली नोट बेचते थे। आरोपी नकली नोट चलाने के लिए गुजरात तक का सफर तय करने से नहीं चूकते थे। नकली नोट बाजार में खपाने से पहले उसे पुराने जैसा बना दिया जाता था। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर पता कर रही है कि आखिर इन लोगों ने कितने नकली नोट बाजार में खपाए हैं।