

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक सरकारी बैंक पर भारी जुर्माना ठोका है. अगर आप भी सीबीआई यानी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक हैं तो ये खबर जरूर पढ़ लें. आरबीआई ने ग्राहकों के हितों की सुरक्षा से जुड़े नियमों के उल्लंघन को लेकर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर 36 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने बताया है कि बैंक पर यह कार्रवाई नियामकीय अनुपालन में कमी के कारण की गई है.
आरबीआई ने ठोका भारी जुर्माना
आरबीआई ने जानकारी दी कि आरबीआई ने इसकी जांच की और बैंक को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया गया, जिसके जवाब के बाद आरबीआई ने यह फैसला लिया है. दरअसल, केंद्रीय बैंक आरबीआई इस जवाब से संतुष्ट नहीं है. आरबीआई ने बताया कि सीबीआई ने ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया है. इसके आधार पर आरबीआई ने यह एक्शन लिया है.

एमपीसी की चर्चाओं का ब्योरा हुआ जारी
उधर, आरबीआई ने छह-आठ अप्रैल तक हुई एमपीसी की छह सदस्यीय बैठक में हुई चर्चाओं का ब्योरा भी जारी कर दिया है. इसमें दी गई जानकारी के अनुसार, एमपीसी ने इस बैठक में तय किया कि रेपो दर को पुराने स्तर पर ही बनाए रखा जाएगा. इसी के साथ आपको बता दें कि लगातार 11वीं बार एमपीसी ने उधार लेने की लागत से जुड़ी रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है. देश में बढ़ती मुद्रास्फीति के बावजूद आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को तेज करने के लिए यह फैसला लिया गया है.
बैठक के ब्योरे के अनुसार आरबीआई के गवर्नर ने कहा था, ‘स्थिति गतिशील है और तेजी से बदल रही है. हमें लगातार स्थिति का रिवैल्यूएशन करना चाहिए और उसके अनुसार अपने कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए.’
मुद्रास्फीति के अनुमान में वृद्धि
इसके अलावा, आरबीआई ने इस बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया. बता दें कि फरवरी में इसके 4.5 फीसदी रहने का पूर्वानुमान लगाया गया था. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर पूर्वानुमान को भी 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया. यानी कुल मिलाकर इस बैठक में आर्थिक वृद्धि को गति देने पर जोर दिया गया.