

भारती विश्वविद्यालय के फाॅरेंसिक साइंस विभाग के विद्यार्थियों शैक्षणिक भ्रमण आयोजित
दुर्ग। भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग के फाॅरेंसिक साइंस विभाग के छात्र-छात्राओं ने हाल ही में मैत्रीबाग चिड़ियाघर का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस अवसर पर डॉ. जस्मीत सिंह, वन्यजीव स्वास्थ्य और फोरेंसिक केंद्र, दाऊ श्री वासुदेव चन्द्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, अंजोरा के वैज्ञानिक ने वन्यजीव अपराध से संबंधित कई महत्वपूर्ण केस स्टडी साझा की। उन्होंने बताया कि वन्यजीव आपराधिक जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस सत्र में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव अपराधों पर चर्चा की गई और इन समस्याओं के समाधान में फोरेंसिक के महत्व को परिलक्षित किया गया। डॉ. सिंह ने छात्रों को पगमार्क और बालों की जांच के माध्यम से जानवरों की पहचान के तरीके भी सिखाए, जिससे उन्हें अपने क्षेत्र में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हुआ।

ज्ञात हो कि वन्यजीव फाॅरेंसिक्स, फाॅरेंसिक विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है, जो वन्यजीवों के खिलाफ अपराधों की जांच पर केंद्रित है। वन्यजीव फोरेंसिक्स विभिन्न विधियों का उपयोग करते हैं, जिसमें डीएनए विश्लेषण, बाल की जांच, ट्रैक पहचान और पगमार्क पहचान शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य अवैध शिकार, तस्करी और पर्यावरण अपराधों का पता लगाना और रोकना है।
इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान चिड़ियाघर के अधिकारियों ने छात्रों के लिए भ्रमण की व्यवस्था की, जिससे वे चिड़ियाघर का अन्वेषण कर सके और विभिन्न प्रजातियों को उनके आवासों में देख सके। इस अनुभव ने न केवल उनके वन्यजीवों में फोरेंसिक की समझ को बढ़ाया, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और आपराधिक न्याय के बीच संबंध को भी उजागर किया। शैक्षणिक भ्रमण में बी.एस-सी. और एम.एस-सी. के समस्त छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस दौरान फाॅरेंसिक साइंस विभाग की विभागाध्यक्ष निशा पटेल और सहायक प्राध्यापक जयंत बारिक ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
