नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में ओबीसी और एससी-एसटी के आरक्षण में कटौती के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज बड़ा विरोध प्रदर्शन किया।

कांग्रेस ने भाजपा पर 50 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण देने के वादे को पूरा न करने और झूठे आश्वासन देने का आरोप लगाया। सुबह 11 बजे गांधी प्रतिमा के पास बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी एकत्रित हुए और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार ने ओबीसी और एससी-एसटी समुदायों के साथ अन्याय किया है और आरक्षण कटौती से उनका हक छीना जा रहा है। जिला कांग्रेस कमेटी,भिलाई के अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर ने भाजपा नेताओं पर ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। अध्यक्ष ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि जब पूरे प्रदेश में विरोध हो रहा है तो बीजेपी कह रही है कि वह अनारक्षित वर्ग की आधा सीटों में पिछड़ा वर्ग को लड़ायेंगे। पहले पिछड़ों के संवैधानिक अधिकार में डाका डाला। अब जले पर नमक छिड़क रहे हैं। अनारक्षित सीटों पर तो सामान्य, एससी, एसटी, ओबीसी कोई भी लड़ सकता है और जहां पर जैसी परिस्थिति होती है लोग लड़ते हैं,इसमें भाजपा क्या अहसान कर रही है? भाजपा का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा बेनकाब हो चुका है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने जानबूझकर प्रदेश में वर्ग संघर्ष फैलाने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कटौती करने का षड़यंत्र रचा है ताकि प्रदेश की बहुसंख्यक आबादी चुनाव न लड़ सके। पहले तो यह कहा गया पिछड़ा वर्ग के लिये 50 प्रतिशत आरक्षण किया जायेगा, जब नियम बनाया तो पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण शून्य की स्थिति में पहुंच गया। पूरे प्रदेश में जिला पंचायत का एक भी अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित नहीं हुआ है। भाजपाई बेशर्मीपूर्वक कहते हैं पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कांग्रेस भ्रम फैला रही है, तो भाजपा के नेता और सरकार ही बता दें उनके नये आरक्षण प्रावधान में पिछड़ा वर्ग के लिये क्या व्यवस्था हुई है? पिछड़ा वर्ग का पंचायतों में आरक्षण कम क्यों हो गया? एक भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद में पिछड़ा वर्ग के लिये क्यो आरक्षण नहीं हुआ? भाजपा प्रदेश के आरक्षित वर्ग में वर्ग संघर्ष करवाने यह षड़यंत्र रचा है।
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने भाजपा पर वादाखिलाफी के आरोप लगाते हुए कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर सरकार गंभीर नहीं है।