
महादेव सट्टा मामले में भिलाई से एक और बड़ी खबर सामने आई है जामुल थाने के थाना प्रभारी टीआई कपिल देव पांडे और उप निरीक्षक चेतन चंद्राकर को पुलिस मुख्यालय द्वारा तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।

इन दोनों पुलिस अधिकारियों पर आरोप है कि वे एक कथित सटोरिए के घर आयोजित पार्टी में न सिर्फ शामिल हुए बल्कि वहां सरकारी गाड़ी और लालबत्ती का भी दुरुपयोग किया यह मामला एक वीडियो प्रसारित होने के बाद सामने आया, जिसमें दोनों अधिकारियों को पार्टी में देखा गया।

वीडियो प्रसारित होते ही पुलिस महक में हड़कंप
प्रसारित वीडियो में दिख रहा था कि टीआई पांडे और उप निरीक्षक चंद्राकर एक निजी पार्टी में मौजूद हैं जो कि महादेव सट्टा से जुड़े एक संदिग्ध सटोरिया के घर पर आयोजित की गई थी वीडियो में यह भी साफ दिख रहा था कि दोनों अधिकारी सरकारी वाहन में पहुंचे थे जिस पर बत्ती लगी हुई थी इस घटना के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया डीजीपी स्तर तक मामला पहुंचा और पुलिस की साख पर सवाल उठने लगे।
कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई

छत्तीसगढ़ में यह मामला राजनीतिक रूप से भी गरमा चुका है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने इस मामले को जमकर भुनाया और तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर मिली भगत के आरोप लगाए।
कई अधिकारियों के नाम इस सट्टा रैकेट में जुड़ने के आरोप में सामने आए थे,लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। इस बार जब पुलिस अधिकारियों का नाम सीधे तौर पर सटोरिया से जुड़ा और वीडियो के साथ सबूत भी सामने आए तो करवाई टाली नहीं जा सकी।
एसपी विजय अग्रवाल ने जताई नाराजगी
वीडियो प्रसारित होने के बाद दुर्ग रेंज के एसपी विजय अग्रवाल ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए बताया जा रहा है कि एसपी ने संबंधित अधिकारियों को तलब कर कड़ी फटकार लगाई और इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त न करने की चेतावनी भी दी। इसके बाद पुलिस मुख्यालय रायपुर से आदेश जारी कर दोनों अधिकारियों को हटाने का फैसला लिया गया।
महादेव सत्ता अप से पहले भी जुड़ चुके हैं विवाद
महादेव सट्टा अप का नेटवर्क ना सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में फैला हुआ है यह एक ऑनलाइन सट्टा रैकेट है जिसकी जड़े दुबई तक जुड़ी हुई है। पिछले साल इस मामले में ED ने बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी और कई करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति जप्त की गई थी। इसमें फिल्मी सितारों के नाम भी सामने आए थे जिन्होंने कथित तौर पर महादेव अप के प्रमोशन में हिस्सा लिया था।
जनविश्वास पर पड़ा असर
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस महकमे में की निष्पक्षता और ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता में यह संदेश गया कि जिन अधिकारियों पर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है वही सट्टा कारोबारी के साथ मिलकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं लोगों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाएं पुलिस व्यवस्था पर जनता के भरोसे को कमजोर करती है और अपराधियों को बढ़ावा देती है।
फिलहाल टीआई कपिल देव पांडे और उप निरीक्षक चेतन चंद्राकर को मुख्यालय अटैच कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इस मामले की विभागीय जांच भी शुरू की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है सूत्रों की माने तो आने वाले समय में कुछ और नामों का पर्दाफाश हो सकता है जो इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।