साउथ सुपरस्टार रजनीकांत ने आज 24 अक्टूबर को चेन्नई में अपने घर के बाहर मीडिया से मुलाकात की. उन्होंने पत्रकारों से प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के अवार्ड जीतने के बारे में बात की. इस बैठक में सुपरस्टार ने कहा कि उन्होंने यह प्रतिष्ठित अवार्ड जीतने की कभी उम्मीद नहीं की थी. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें दुख है कि उनके गुरु केबी (के बालाचंदर) सर उन्हें अवार्ड प्राप्त करते हुए देखने के लिए जीवित नहीं हैं।
अप्रैल 2021 में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घोषणा की थी कि सुपरस्टार रजनीकांत को पिछले चार दशकों से भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया है. हालांकि, कोविड -19 महामारी के कारण अवार्ड फंक्शन में देरी हुई थी. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि मैंने दादा साहब फाल्के अवार्ड जीता. मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि मुझे यह अवार्ड मिलेगा. मुझे दुख है कि जब मुझे यह अवार्ड मिला तो केबी सर (के बालचंदर) जीवित नहीं हैं.” मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रजनीकांत कल दिल्ली में आयोजित होने जा रहे अवार्ड फंक्शन में शामिल होंगे और अवार्ड प्राप्त करेंगे।
पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित हो चुके हैं रजनीकांत
भारत में सबसे लोकप्रिय सितारों में से एक रजनीकांत को भारत सरकार द्वारा 2000 में पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है. रजनीकांत ने तमिल सिनेमा में ‘अपूर्व रागंगल’ से डेब्यू किया था. उनकी कई हिट फिल्मों में ‘बाशा’, ‘शिवाजी’ और ‘एंथिरन’ जैसी फिल्में हैं. वे अपने फैंस के बीच थलाइवर (नेता) के रूप में जाने जाते हैं।
जानिए पहली बार किसे दिया गया था यह पुरस्कार
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार सिनेमा जगत में भारत में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है. यह भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के साथ दिया जाता है. यह पुरस्कार पहली बार एक्ट्रेस देविका रानी को दिया गया था. वहीं, हाल के वर्षो में यह पुरस्कार पाने वालों में अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, फिल्म निर्माता के. विश्वनाथ और मनोज कुमार शामिल हैं।