भारती विश्वविद्यालय में साक्ष्य विश्लेषण पर विशेष व्याख्यान आयोजित

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भारती विश्वविद्यालय में साक्ष्य विश्लेषण पर विशेष व्याख्यान आयोजित

दुर्ग। भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग में फोरेंसिक साइंस विभाग एवं विधि संकाय द्वारा आईक्यूएसी सेल के सहयोग से एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका शीर्षक एफएसएल की संगठनात्मक शाखाएं और साक्ष्य विश्लेषण में उनकी भूमिका का महत्व था। मुख्य वक्ता डॉ. मोहन पटेल वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी क्राइम सीन यूनिट दुर्ग थे। डॉ. पटेल ने कहा कि घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र करना फोरेंसिक लैब में इनका परीक्षण करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। अधिकांश मामलों में लैब में दुबारा परीक्षण करना तो मुमकिन होता है, लेकिन घटनास्थल एक बार बिगड़ जाये तो वहाँ से उपयुक्त भौतिक साक्ष्य हासिल कर पाना कभी संभव नहीं होता है, इसी के मद्देनजर, राज्य के हर जिले में एफएसएल की क्राइम सीन यूनिट स्थापित की जा रही हैं।


फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. पटेल ने एफएसएल की विभिन्न शाखाओं में भौतिक एवं बायोलॉजिकल साक्ष्यों जैसे हिट एंड रन दुर्घटना आदि मामलों में पेंट एवं पेंट चिप्स, कांच, मिट्टी का भौतिक परीक्षण,सीमेन्ट आदि का तुलनात्मक परीक्षण, मोर्टार और कंक्रीट का परीक्षण,प्रामाणिकता या जाल-साजी को सिद्ध करने के लिए दस्तावेजों का परीक्षण,आग्नेयास्त्रों से दागे गए गोलाबारुद के अवशेषों का परीक्षण,शराब के नमूनों में अल्कोहल की मात्रा और मिलावट का परीक्षण,पेट्रोलियम उत्पादों मे मिलावट की जाँच, एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ) का परीक्षण,जैविक तरल पदार्थों जैसे रक्त, वीर्य, लार, पसीना, मल-मूत्र इत्यादि का परीक्षण की जानकारी दी।फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. पटेल ने अपने अनुभव साझा करते हुए धमधा थाना क्षेत्र की एक घटना का उल्लेख किया जिसमें ट्रक और बोलेरो की भिड़ंत में पेंट चिप्स को घटनास्थल से बरामद कर पहली बार साक्ष्य के रूप में माननीय दुर्ग न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया ।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर डॉ. आलोक भट्ट ने कहा कि फोरेंसिक साइंस और कानून की पढ़ाई का उद्देश्य छात्रों को आपराधिक न्याय प्रणाली में योगदान करने के लिए वैज्ञानिक और कानूनी कौशल से सशक्त बनाना है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भी उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे, जिनका डॉ. पटेल ने सरल एवं वैज्ञानिक तरीके से निराकरण किया। यह विशेष व्याख्यान छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी सिद्ध हुआ।
धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. स्वाति पांडेय ने किया। उक्त कार्यक्रम में फोरेंसिक साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष जयंत बारीक, सहायक प्राध्यापक समीक्षा नय्यर, सूरज मुदुली, भूमिका सिन्हा, निकिता साहू तथा फैकल्टी ऑफ लॉ की सहायक प्राध्यापक डॉ. आस्था चतुर्वेदी, सम्पदा बैस, ऋषभ शर्मा, श्रुति यादव, सरिता गुप्ता, श्रुति राव सहित बड़ी संख्या में फोरेंसिक साइंस विभाग एवं विधि विभाग के विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।