फार्मा कंपनी के मालिक रंगनाथन को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक अजय पांडे ने आरोपी पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। जहरीले सिरप से अब तक प्रदेश में 20 बच्चों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 17 छिंदवाड़ा, एक पांढुर्ना और दो बैतूल के हैं।


मध्य प्रदेश में जानलेवा ‘कोल्ड्रिफ’कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए श्रीसन मेडिकल्स (SRESAN MEDICALS) के मालिक एस रंगनाथन (RANGANATHAN) को गिरफ्तार किया है। इससे पहले छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक अजय पांडे ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तमिलनाडु के चेन्नई की श्री सन फार्मास्यूटिकल कंपनी के मालिक रंगनाथन पर 20 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की थी। अब पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया है।

छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे ने बताया कि श्रीसन फार्मा के मालिक एस रंगनाथन को कल रात गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें चेन्नई (तमिलनाडु) की एक अदालत में पेश किया जाएगा और ट्रांजिट रिमांड हासिल करने के बाद छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) लाया जाएगा।
बता दें कि जानलेवा ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पीने से मध्य प्रदेश में अब तक 20 बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़ा अभी भी लगातार बढ़ रहा है। बीते 24 घंटों में तीन और मासूमों ने दम तोड़ दिया। अब गिरफ्तारी के बाद एस रंगनाथन से इस पूरे मामले में पूछताछ की जा रही है।
जहरीले कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत का सिलसिला अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। छिंदवाड़ा में 17, पांढुर्ना में एक और बैतूल में दो बच्चों की मौत हो चुकी है। पांच बच्चे अब भी नागपुर में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। अब कोल्ड्रिफ बनाने वाली कंपनी के ऑनर को गिरफ्तार किया गया है। उसे पकड़ने के लिए दो टीम चेन्नई और काछीपुरम पहुंच गई थीं।
हिरासत और जांच की शुरुआत
रंगनाथन की हिरासत के बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने स्रसेन फार्मा के खिलाफ जांच तेज कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सीरप के निर्माण में गुणवत्ता मानकों की अनदेखी की गई है। इसके परिणामस्वरूप यह जानलेवा उत्पाद बाजार में पहुंचा। मध्य प्रदेश पुलिस ने चेन्नई में कंपनी के कार्यालय पर छापेमारी की और कई दस्तावेज जब्त किए।
अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। साथ ही, सीरप के वितरण नेटवर्क और उन दवा दुकानों की भी जांच की जा रही है, जिन्होंने इस उत्पाद को बेचा। लोगों से अपील की गई है कि वे कोल्ड्रिफ सिरप का इस्तेमाल तुरंत बंद करें और अपने बच्चों को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराएं।
नियामक तंत्र पर उठते सवाल
इस घटना ने फार्मा इंडस्ट्री में नियामक प्रक्रियाओं की खामियों को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए कड़े गुणवत्ता नियंत्रण और नियमित निरीक्षण की जरूरत है। मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई का वादा किया है और प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने की बात कही है।
स्रसेन फार्मा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है और रंगनाथन से पूछताछ में मिलावट के स्रोत और कंपनी की लापरवाही के बारे में और जानकारी मिलने की उम्मीद है।