
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और पाक के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है। सेना ने 9 जगहों पर स्ट्राइक करके आतंकियों के होश पाख्ता कर दिए। वहीं युद्ध जैसी स्थिति या फिर पाकिस्तान के किसी भी हमले का जवाब देने के लिए सेना पूरी तरह से तैयार है। इसी बीच पब्लिक को भी इन हालातों के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। इस संबंध में देश के 244 जिलों सहित दुर्ग जिले में मॉक ड्रिल और ब्लैक आउट हुआ। इस दौरान दुश्मन देश के हमलों के समय लोगों को कैसे अपना बचाव करना है, इस पूरी प्रक्रिया से लोगों को अवगत कराया गया।

दुर्ग जिले में आयोजित सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया था. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना और सुरक्षात्मक प्रोटोकॉल्स की कार्यकुशलता का परीक्षण करना था।

भिलाई स्टील प्लांट बुधवार शाम को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की गई. इस दौरान नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ, NDRF), एसडीआरएफ (SDRF), सीआईएसएफ (CISF) एवं बीएसपी (भिलाई स्टी प्लांट) ने संयुक्त रूप से आपातकाली स्थिति से निपटने का अभ्यास किया है. सभी ने संयुक्त रूप से स्टील प्लांच के तीन स्थानों मानव संसाधन विकास विभाग, रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल और ब्लास्ट फर्नेस-7 के सामने वेलफेयर बिल्डिंग में मॉक ड्रिल का आयोजन किया. मॉक ड्रिल के जरिए आपातकाली स्थिति से निपटने जैसे, युद्ध या हवाई हमले के दौरान बचाव कार्य से लेकर या ऐसी किसी भी स्थिति पर काबू पाने के लिए योजनाबद्ध अभ्यास किया गया।
आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए नागरिकों को तैयार करने और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के उद्देश्य से यह मॉक ड्रिल की गई है. आपदा प्रबंधन के अभ्यास शुरू होते हुई आपात स्थिति और लोगों के घायल होने की जानकारी मिलते ही खतरे की घंटी बजी. फिर भिलाई स्टील प्लांट की एजेंसिंया सक्रिय हुईं और एनडीआरएफ को भी सूचना दी गई।
मॉक ड्रिल में फायर ब्रिगेड, सेफ्टी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, ऊर्जा प्रबंधन विभाग, सीआईएसएफ, ऑक्यूपेशनल हेल्थ सर्विसेस विभाग, सिविल डिफेन्स और विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई।


एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड ने मिलकर अंदर फंसे घायलों को बाहर निकाला और प्राथमिक उपचार देकर एंबुलेंस से तत्काल अस्पताल पहुंचाया. इस दौरान विभिन्न कार्यवाही को प्रोटोकॉल के अनुरूप अंजाम दिया गया. सभी गतिविधियों की मॉनिटरिंग की गई, साथ ही खामियों को नोट करके उन पर ध्यान दिया गया।
इसके अलावा पुलिस और जिला प्रशासन ने सेक्टर-10 स्थित रेल चौक व सूर्या मॉल में भी मॉक ड्रिल और ब्लैक आउट की रिहर्सल की. ‘रेड अलर्ट’ सायरन बजने के साथ ही मॉक ड्रिल अभ्यास प्रारंभ हुई और ‘ऑल क्लियर’ सायरन बजने के साथ समाप्त की गई. मॉकड्रिल के दौरान नागरिकों को अपने घरों में कोनों में खड़े होने या जमीन पर लेटने व लेटते समय अपने दांतों के बीच कपड़े या रूमाल दबा कर रखने एवं दोनों कानों को हाथ से ढककर रखने की अपील की गई थी।
शाम 7.30 बजे से 7.45 बजे तक ब्लैकआउट, ये ब्लैकआउट सिर्फ भिलाई सेक्टर और प्लांट क्षेत्र में हुआ। सायरन बजते के साथ मॉकड्रिल का दूसरा फेस शुरू। इस दौरान आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल किया गया. लोगों को भी जागरूक किया गया. लोगों, कर्मचारियों, स्टूडेंट्स को आपात स्थिति में बचाव और लोगों को निकालने के तरीके समझाए गए।