
नोएल टाटा अब टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन होंगे। देहांत से पहले यह जिम्मेदारी रतन टाटा संभाल रहे थे। टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह टाटा ट्रस्ट है। इसकी 13 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में सबसे अधिक 66 फीसदी की हिस्सेदारी है। टाटा ट्रस्ट के तहत आने वाले सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस के 52 फीसदी स्टेक हैं।

रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा अब उनकी विरासत संभालेंगे। टाटा ट्रस्ट ने एक मीटिंग में नोएल टाटा को नया चेयरमैन बनाने का एलान किया है। देहांत से पहले रतन टाटा ही टाटा ट्रस्ट के प्रमुख थे। अभी टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टाटा संस है, लेकिन टाटा ट्रस्ट मैनेजमेंट के मामले में इससे भी ऊपर है।

टाटा ट्रस्ट असल में टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है। इसकी 13 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में सबसे अधिक 66 फीसदी की हिस्सेदारी है। टाटा ट्रस्ट के तहत आने वाले सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास ही टाटा संस की 52 फीसदी स्टेक है।
क्या करते हैं नोएल टाटा के बच्चे
नोएल टाटा के तीनों बच्चे इस समय टाटा ग्रुप में अलग-अलग जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। 34 साल की माया टाटा ने टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड और टाटा डिजिटल में अपनी भूमिकाएं निभाई हैं। टाटा न्यू ऐप की लॉन्चिंग में उनका काफी योगदान था। 32 साल के नेविल टाटा ट्रेंट लिमिटेड में प्रमुख हाइपरमार्केट चेन स्टार बाजार को लीड कर रहे हैं। वहीं, 39 साल की लिया टाटा, टाटा ग्रुप के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को देख रही हैं। वे ताज होटल्स रिसॉर्ट्स एंड पैलेसेस को संभाल रही हैं। वे इंडियन होटल कंपनी की भी देखरेख करती हैं।

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