इस्कॉन के प्रमुख सदस्य चिन्मय कृष्ण दास सोमवार को ढाका से चटगांव जाने के लिए हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। यहां उनको हिरासत में लिया गया। चिन्मय प्रभु ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचारों के विरोध में कई रैलियां की हैं। इन रैलियों में उन्होंने लगातार अंतरिम सरकार के खिलाफ हमला बोला है।
बांग्लादेश पर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन करने पर इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु पर कार्रवाई की गई है। बांग्लादेश मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को ढाका एयरपोर्ट पर पुलिस ने हिरासत में लिया है। वह सोमवार को ढाका से चटगांव जाने के लिए हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। उनसे पूछताछ की जा रही है। चिन्मय प्रभु ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचारों के विरोध में कई रैलियां की हैं। इन रैलियों में उन्होंने लगातार अंतरिम सरकार के खिलाफ हमला बोला है। चिन्मय प्रभु बांग्लादेश में सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता के रूप में भी काम कर रहे हैं।
देशद्रोह का मुकदमा हो चुका दर्ज
30 अक्तूबर को बांग्लादेश में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में देशद्रोह अधिनियम के तहत चिन्मय कृष्ण दास प्रभु समेत 19 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। आरोप है कि पांच अगस्त को हुए जनांदोलन के बाद छात्रों ने न्यू मार्केट चौराहे पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। 25 अक्टूबर को लालदिग्गी रैली के दिन सांप्रदायिक धार्मिक समूह इस्कॉन का गेरूआ रंग का धार्मिक झंडा फहराया गया। यह राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर लगा दिया गया।
शेख हसीना की सरकार जाने के बाद से बढ़े हमले
बीते अगस्त में एक छात्र आंदोलन के चलते शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतत्व में एक कार्यवाहक सरकार बांग्लादेश में प्रशासन कर रही है, लेकिन शेख हसीना की सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद से बांग्लादेश में हिदुओं और अन्य अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं, जिनके खिलाफ अल्पसंख्यक वर्ग द्वारा कई बार विरोध प्रदर्शन किए गए हैं।
यह मांग कर रहे हिंदू अल्पसंख्यक
अक्तूबर से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों की मांग को लेकर सनातन जागरण मंच ने चटगांव में विरोध प्रदर्शन शुरू किए थे। इसमें चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने कई बार सरकार पर हमला बोला। उनके नेतृत्व में हिंदू अल्पसंख्यकों ने आठ प्रमुख मांगों को लेकर आवाज बुलंद की है। इसमें अल्पसंख्यकों के विरुद्ध अपराध शामिल लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए न्यायाधिकरण का गठ, पीड़ितों को मुआवजा और उनका पुर्नवास, अल्पसंख्यक संरक्षण कानून को लागू करने, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का गठन, शैक्षिक संस्थानों और छात्रावास में अल्पसंख्यकों के प्रार्थना स्थल और पूजा कक्ष बनाने, हिंदू, बौद्ध और ईसाई वेलफेयर ट्रस्टों को प्राथमिकता देने, संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम लागू करने, पाली और संस्कृत शिक्षा बोर्ड के आधुनिकीकरण और दुर्गा पूजा में पांच दिन की छुट्टी की मांग शामिल है।