चाहे तो पूरी जिंदगी जेल में रखो पर नहीं जाएंगे वापस…दिल फट जाएगा रात में जंगल लांघकर आए इन लोगों की दास्‍तां सुनकर, पूरी सच्चाई जानकर हिल जाएगा दिमाग, पढ़िए

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पड़ोसी देश बांग्‍लादेश में हिंदुओं पर किस कदर अत्‍याचार हो रहे हैं कि वे हर हद पार करके वहां से निकलना चाहते हैं. अभी सीमा पर पहुंचे 9 लोगों ने जो दास्‍तां सुनाई है, उसे सुनकर दिल फट जाएगा।

पिछले साल अगस्‍त से जब से बांग्‍लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ा है वह जमीन हिंदुओं के लिए नरक बन गई है. हिंदुओं का कत्‍लेआम हुआ, गर्भवती महिलाओं तक को काट डाला गया, चुन-चुनकर हिंदुओं लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है. मां-बाप अपनी आंखों के सामने बेटियों की आबरू लुटते देख रहे हैं. हिंदुओं पर हुई बेरहमी की कहानियां अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया में छाईं और बांग्‍लादेश की खूब आलोचना हुई. इतने महीनों के बाद भी हिंदुओं पर अत्‍याचार कम नहीं हुआ. इसका सुबूत बांग्‍लादेश से भागकर जैसे-तैसे भारत पहुंच रहे हिंदुओं की दर्दनाक दास्‍तां में मिल रहा है. इसी कड़ी में बांग्‍लादेशी हिंदुओं के एक परिवार के 9 सदस्‍य भारत पहुंचे हैं. जिन्‍हें बीएसएफ ने त्रिपुरा में पकड़ा।

इन 9 लोगों ने भारत की सीमा तक पहुंचने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी. पहले तो रातों को खतरनाक जंगल पार किए और फिर कंटीले तारों की बाड़ से निकलकर भारत की जमीन पर कदम रखा. इतनी बड़ी संख्‍या में बॉर्डर पर गैर कानूनी तरीके से आए लोगों को देखकर बीएसएफ की टीम भी हिल गई. लेकिन जब इन लोगों ने अपनी दास्‍तां सुनाई तो दूसरा बड़ा झटका लगा।

कहा- जेल में डाल दो पर वापस नहीं जाएंगे

कई खतरों को पार करके जैसे-तैसे जान बचाकर बांग्‍लादेश से भारत आए इन लोगों का कहना है कि भले ही भारत उन्‍हें पूरी जिंदगी जेल में रखे लेकिन वे वापस लौटकर बांग्‍लादेश नहीं जाएंगे. यदि वो वापस गए तो उन्‍हें जान से मार दिया जाएगा. इन बांग्‍लादेशी हिंदुओं ने मांग की है कि उन्‍हें नागरिकता संशोधन कानून 2019 के तहत उन्‍हें भारत का स्‍थायी नागरिक बनाया जाए. फिलहाल उन्‍हें डिटेंशन सेंटर में रखा गया है।

हमारे घर की महिलाएं वहां सुरक्षित नहीं

गिरफ्तार बांग्लादेशियों में से एक शंकर चंद्र सरकार ने कहा कि बांग्‍लादेश में हम पर बेपनाह अत्‍याचार हो रहे हैं. हमारी महिलाएं वहां सुरक्षित नहीं हैं. मुझ पर भी हमले हुए मैं जैसे-तैसे जान बचा पाया हूं. मैं भारत से वापस नहीं जाऊंगा, भले ही मुझे जेल हो जाए।

रात-रात भर जंगलों में चलते थे

इस परिवार ने बताया कि हम रात के अंधेरे में जंगलों के रास्‍ते यहां तक पहुंचे हैं. हम बड़ी मुश्किलों से यहां पहुंचे हैं अब हम किसी भी कीमत पर बांग्लादेश नहीं जाएंगे. यहां आने से पहले हम जो कुछ भी बेच सकते थे, बेच दिया है. हमें वहां न्याय नहीं मिल सकता। हमारे पिता जंगल में इतना पैदल नहीं चल सकते थे इसलिए मजबूरन हमें उन्‍हें वहां अकेले छोड़कर आना पड़ा. महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी था।

हजारों हिंदू भागने की फिराक में

इस परिवार ने बताया कि वहां हिंदुओं की हालत बहुत खराब है और उनकी तरह कई हजार अन्‍य हिंदू भी बांग्‍लादेश से भागकर भारत आना चाहते हैं लेकिन कई कारणों से आ नहीं पा रहे हैं। जब से हसीना सरकार हटी है उसके बाद से अब तक त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में 500 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों और 63 रोहिंग्या लोगों को गिरफ्तार किया गया है।