भारत-पाक तनाव: छा जाएगा अंधेरा, बजेगा हवाई हमलों का सायरन, छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कल होगी मॉकड्रिल,54 साल पहले हुई थी आखिरी मॉकड्रिल,जानें डिटेल

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जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सात मई को कई राज्यों में मॉकड्रिल कराने के निर्देश दिए हैं।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सात मई को कई राज्यों में मॉकड्रिल कराने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में भारत-पाक युद्ध के दौरान आपातकालीन स्थिति से बचाव के लिये छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कल सात मई को मॉकड्रिल होगी। जिला प्रशासन ने इसके लिये तैयारी शुरू कर दी है। इस संबंध में दुर्ग जिला कलेक्टर ने आज शाम को बैठक बुलाई है। इसमें एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को अहम जिम्मेदारी दी जाएगी।

एशिया के सबसे बड़े संयंत्र यानी भिलाई स्टील प्लांट जैसे राष्ट्रीय महत्व के औद्योगिक संस्थान को देखते हुए छत्तीसगढ़ में दुर्ग में ये मॉकड्रिल होगी। इस दौरान सिविल डिफेंस बलों को मॉकड्रिल करने और नागरिकों को किसी भी हमले से सुरक्षा के उपायों की ट्रेनिंग दी जायेगी। इस दौरान एयर रेड वार्निंग सायरनों का संचालन, आम नागरिकों, छात्रों आदि को किसी शत्रुतापूर्ण हमले की स्थिति में स्वयं की रक्षा के नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। त्वरित ब्लैकआउट उपायों की व्यवस्था, महत्वपूर्ण संयंत्रों, संस्थानों की शीघ्र कैमुफ्लाजिंग की व्यवस्था निकासी योजना का अद्यतन एवं उसका पूर्वाभ्यास किया जाएगा।

दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कहा कि दुर्ग जिले में मॉकड्रिल होगी। इसके लिए आज शाम को बैठक बुलाई गई है। मॉकड्रिल में सिविल डिफेंस से जुड़े लोगों को आपात स्थिति से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मॉकड्रिल के तहत आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये प्रशिक्षण दिया जायेगा। युद्ध या आपदा की स्थिति में पहले मॉकड्रिल कराई जाती है।

गृह मंत्रालय दिए हैं निर्देश
भारत-पाकिस्तान तनाव के बाद कभी भी युद्ध छिड़ सकता है। ऐसे में केंद्र सरकार ने अपनी ओर से सभी तैयारी तेज कर दी है। गृह मंत्रालय ने देश के 244 जगहों पर (नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों) पर मॉकड्रिल कराई जायेगी। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ के दुर्ग में सात मई को मॉकड्रिल होगी।

मॉकड्रिल में इन बातों पर रहेगा फोकस
हवाई हमले के सायरन की जांच और उसके प्रति जागरुकता का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हमले की स्थिति में नागरिकों और छात्रों को अलर्ट करना।
हवाई हमले के दौरान ब्लैकआउट यानी लाइट बंद करने का अभ्यास।
दुश्मन के विमानों से बचाव के लिए संयंत्रों को ढंकने और छुपाने की ट्रेनिंग।
हमले के संभावित स्थानों को खाली कराने का रिहर्सल।

किन-किन प्रदेश में अभ्यास की तैयारी
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से छत्तीसगढ़ के दु्र्ग, राजस्थान, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर जैसे सीमावर्ती राज्यों में स्थित इन जिलों को अभ्यास करने का निर्देश दिये गये हैं। दिल्ली, पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक सक्रिय हैं। पूरे देश के 244 स्थानों पर सिविल डिफेंस मॉकड्रिल को तीन अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है, जिसमे सेकंड कैटेगरी के तहत दुर्ग के भिलाई में मॉकड्रिल होगी। इस अभ्यास का उद्देश्य किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।

54 साल पहले हुई थी आखिरी मॉकड्रिल
नागरिकों की सुरक्षा से संबंधित मॉक ड्रिल बेहद असामान्य कदम है। हाल-फिलहाल में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए किसी भी संघर्ष के दौरान ऐसा कोई मॉकड्रिल नहीं किया गया। राज्यों में आखिरी मॉक ड्रिल आज से 54 साल पहले 1971 में हुआ था। तब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए हुआ युद्ध भारत-पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध में बदल गया था, जो देश की पूर्वी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर लड़ा गया था। उस समय नागरिकों की जान-माल को कम से कम नुकसान पहुंचे, इसके लिए ऐसा अभ्यास किया गया था।