राजनीतिक क्षेत्र में अपनी मजबूती के लिए पहचाने जाने वाले जेठूराम मनहर ने आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। उन्होंने अपना त्यागपत्र सीधे प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को भेजा है। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए अपने इस्तीफे के पत्र में मनहर ने कांग्रेस को अलविदा कहते हुए व्यक्तिगत कारणों का जिक्र किया है। 1994 से राजनीति में सक्रिय श्री मनहर ने दो बार पार्षद और एक बार महापौर के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। वे रायगढ़ के पहले महापौर भी रहे हैं, और उनकी राजनीति में गहरी पैठ रही है।
मनहर का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर जब कुछ ही महीने में नगर निगम चुनाव होने वाले हैं। रायगढ़ में कांग्रेस की राजनीति में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, और उनके जाने से पार्टी को संभावित नुकसान उठाना पड़ सकता है। केलो प्रवाह को इस्तीफे के कारणों पर चर्चा करते हुए मनहर ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से लिया है। हालांकि, स्थानीय राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है कि उनका इस्तीफा केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह स्थानीय राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकता है। जेठूराम मनहर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं क्योंकि उनकी प्रभावशाली छवि और मुद्दों पर पकड़ शहर में उन्हें एक प्रमुख नेता बनाती है।
अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि वे भविष्य में किस दिशा में आगे बढ़ेंगे। चर्चा है कि मनहर किसी बड़े राजनीतिक धमाके की योजना बना रहे हैं। उनके भाजपा प्रवेश से भी इनकार नहीं किया जा सकता। प्रदेश में सत्ता जाने के बाद, रायगढ़ से यह एक बड़ा नाम है जिसने कांग्रेस पार्टी को “टा-टा बाय-बाय” कह दिया है। रायगढ़ शहर के राजनीतिक परिदृश्य में यह घटनाक्रम कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है। अब देखना यह होगा कि पार्टी इस चुनौती का सामना कैसे करती है और अपने नेता के बिना आगे की रणनीति क्या होगी।